Friday, August 14, 2009

बाँके बिहारी


ऐ बाँके बिहारी, आओ, लोग आपस में लड़ कर मर रहे हैं. उनमे से बहुत से हैं जो तुम में आस्था रखते हैं, और जिन्हें कोई भी आस्था बचा नहीं पा रही. बहुत से जो बचा लिए जा रहे हैं, उनसे तुम्हारा कोई लेना देना नहीं, न बचने वालों का, न बचाने वालों का. ऐसा क्यों हैं बाँके बिहारी? अपने नाम पे लड़ते, कटते और मरते हुओं के बीच पैदा होना और अपना जन्मदिन मनाना कैसा लग रहा है?..चलो हम भी आस्थावानों की तरह रस्म अदायगी कर ही दें...Happy Birthday बाँके बिहारी.

1 comment:

  1. U have raised the issue in the Last Court. I am also a co-applicant .
    Bol Banke Bihari Lal ki Jay !

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