Thursday, May 14, 2009

क्या है किसी अबोध बच्चे का धर्म?

कहीं किसी वक़्त बात करते करते मेरे मुंह से किसी एक बच्चे के लिए निकल पड़ा कि 'फलां फलां का illegitimate child (अवैध संतान) है'। मेरे बड़े भाई ने टोका 'बच्चा illegitimate (अवैध) है या उसके माँ बाप? ख़बरदार जो कभी किसी बच्चे को illegitimate (अवैध) कहा।' बात घर कर गयी। किसी अबोध को क्या मालूम अपने अस्तित्व में आने का कारण और परिस्थितियाँ.... फिर भी सामाजिक प्रथानुसार उससे सारी उम्र जताया जाय कि वो अवैध है, ये कहाँ तक उचित है....? इसी सन्दर्भ में अब आते हैं जाती प्रथा पर। आये दिन जो सुनने में आता है कि 'फलां बच्चा मुसलमान है' या 'फलां बच्चा हिन्दू या इसाई है'। क्या उस बच्चे को ये मालूम है कि वो किस धर्म का है? उसके माँ बाप हिन्दू, मुसलमान, इसाई या किसी भी धर्म के अनुयायी हो सकते हैं, पर क्या किसी अबोध मन पर ये बोझ डालना तर्कसंगत है? कोई भी बच्चा, किसी भी धर्म के मानने वाले माता पिता की संतान हो सकता है, पर विज्ञान हमें बताता है कि मान्यताएं आनुवंशिक (genetic) नहीं होतीं.

2 comments:

  1. आप सही कहते हैं। कानून भी मानता है कि संतान कभी अवैध नहीं होती। धर्म वह तो हमारी अपनी ओढ़ी और बच्चों को जबरन ओढ़ाई गई चादर है।

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  2. You are very much true Harsha Bhai. A child has no religion it is we inhuman humans who impose religion on them. Just imagine a world with our religion, cast and race....How beautiful it would be.

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