Saturday, June 27, 2009

बारिश और तुम

आवारा बादलों की कादंबिनी का,
मेरे चेहरे को सहलाती,
नर्म फुहारों की नमी का,
एक नाम ढूँढ निकाला,
'तुम'.

- हर्ष

5 comments:

  1. रसिक और स्वस्थ कविता। प्रकृति को मानवीयता देती हुई।
    बहुत बढ़िया।

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  2. आपकी रचना इस वारिश के मौसम मे दिल को छू गयी............

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  3. very beatiful your foto.complimenti.you're a good fotografo.Massimo.

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