Wednesday, August 19, 2009

डॉ कलाम और शाहरुख़ खान

हालाँकि ये मुद्दा पुराना हो चुका है फिर भी....



























कह रहा है दरिया से समंदर का सुकूत,

जिसका जितना ज़र्फ़ है उतना वो ख़ामोश है।


( सुकूत - ख़ामोशी, ज़र्फ़ - सामर्थ्य, दिमाग़, क़ाबिलियत )

- इक़बाल

4 comments:

  1. क्या कहें!! सुरत पर जायें कि सीरत पर..दोनों ही निपुण हैं अपने क्षेत्रों में..शिखर पर!!

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  2. khaamosh rah kar kahee jaaye baaten

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