Wednesday, October 29, 2008

कॉंग्रेस के राज्य में नेहरू का कबूतर

एक सफ़ेद कबूतर,
उसके दो पर,
एक इधर,
एक उधर।
दो व्यक्ति,
पहने हुए,
सफ़ेद धोती,
सफ़ेद कुर्ता,
सफ़ेद टोपी,
एक सफ़ेद कबूतर के इधर,
एक उधर,
नोचने को तैयार,
सफ़ेद कबूतर के पर।
अगली सुबह,
सफ़ेद कबूतर माँग रहा था प्राणों की भीख,
बेचारा चिल्लाय भी तो कैसे,
चिल्लाना शोभा नहीं देता उसे,
जो हो शांति का प्रतीक।

-हर्ष

8 comments:

  1. बहुत सटीक और बेहतरीन!!!

    ReplyDelete
  2. बहुत सटीक और बेहतरीन!!!

    ReplyDelete
  3. हर्ष जी, आपकी अभिव्यक्ति बहुत ही सटीक है। हमारा देश इस वक्त एक सफेद कबूतर की ही तरह हो गया है जिसे ये खद्दरधारी नोच खसोट रहे हैं। अपने निजी फायदे के लिए देश को विभाजन की राह पर धेकल रहे हैं। ऐसे लोगों से निपटने के लिए हम देश वासियों की ही आगे आना होगा।

    ReplyDelete
  4. aapney apna link diyaa..shukriyaa..yahan aanaa hota rahegaa ab..

    ReplyDelete
  5. वाहवा क्या बात है
    सामयिक सटीक एवं सार्थक संवेदना से भरपूर
    बधाई स्वीकारें

    ReplyDelete
  6. badiya hai.

    http://therajniti.blogspot.com/

    ReplyDelete
  7. I like it Harsh. It is correct these days and has been correct for so long. Some Masiha has to take Avtar before we have the corrage to change to do away with our politca impotency to really throw out these white Posh samaj ke thekedars.
    Pradeep Sinha

    ReplyDelete