Wednesday, October 8, 2008

धर्म और Emerson

दुनिया के मुख़्तलिफ़ (विभिन्न) चिंतकों की मज़हब के मुत'अल्लिक़ (सम्बंधित) जो राय रही है, उसका हिन्दी तर्जुमा (अनुवाद) पिछले चंद दिनों से आपकी ख़िदमत में पेश करता आ रहा हूँ। उसी सिलसिले को जारी रखते हुए फिर पेश है उन्नीसवीं शताब्दी के अमरीकी लेखक, चिन्तक और कवि Emerson का एक ख़ूबसूरत ख़याल -

"The religion of one age is the literary entertainment of the next."

- Ralph Waldo Emerson
(1803-1882)

"किसी एक युग का धर्म, उसके आगामी युग के लिए साहित्यिक मनोरंजन (या 'मनोरंजक साहित्य') है।"

Emerson के इस जुमले (वाक्य) से मुत्तफ़्फ़िक़ (सहमत) होते हुए ये कहना चाहता हूँ कि हमें फ़ख्र है कि हमने आगामी युग के मनोरंजन के लिए भरपूर सामान इकट्ठा कर रखा है। आने वाली पुश्तों की अदबी (साहित्यिक) तफ़रीह के इस इन्तज़ाम के लिए हमें उन सभी किताबों का शुक्रगुज़ार होना चाहिए जिनकी 'न कोई शुरूआत है न आख़िर' ('आदि न अंत') या वो जो नाज़िल (आकाश से प्रकट) हो गयी हैं (ना मालूम कैसे) या वो जो किसी को बेरहमी से लकड़ी पर ठोंक देने के बाद उसके ज़िंदा हो जाने का मज़ाक़िया क़िस्सा बयाँ करती हो। इन किताबों के आगे बेचारे देवकी नंदन खत्री की 'भूतनाथ' भी पनाह मांगेगी। इन किताबों ने आज जो भी क़हर ढा रक्खा हो, हमें ख़ुश होना चाहिए कि कम से कम आगामी पुश्तों के लिए हम उनके हंसने का सामान तो सौंप रहे हैं।

4 comments:

  1. क्या Emerson को देवनागरी में लिखना ज्यादा सही नहीं होगा? क्या अंग्रेजी वाले ऐसा करते हैं कि सारी अंग्रेजी के बीच किसी जापानी का नाम जापानी में लिखें? अंग्रेजी लिखते समय यदि कभी एक रूसी, एक अरबी, एक चीनी एक हिन्दू का नाम लेना पड़े तो क्या इनको इनकी अलग-अलग लिपियों में लिखा जायेगा?

    खैर इमर्शन के विचारों से मैं भी बहुत प्रभावित हूँ । उनके विचार बहुत ही खरे हैं।

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  2. एमर्सन धर्म को समझ ही नहीं पाया. एक नासमझ के विचारों पर बात करना समय की बर्बादी है.

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  3. अपने ब्लॉग की प्रविष्टियों पर आपकी टिप्पणियों के लिए आभार. सिर्फ़ इतना कहना चाहूँगा कि Shaw और Emerson जैसे लोगों पर राय व्यक्त करने के पहले उन्हे पढ़ लेना उचित होगा. Einstein, Carl Sagan, Darwin, Bertrand Russell, Thomas Jefferson, Oscar Wilde, बुद्ध और कबीर सभी की धर्म के प्रति यही राय थी. अब भावुकतावश इन सभी को बेवक़ूफ़ या कम अक़्ल मत कह दीजिएगा. इन लोगों को बिना पढ़े या बिना जाने इन पर की गयी टिप्पणी, इन लोगों की कम, टिप्पणीकर्ता की अक़्ल को अधिक उजागर करती है.

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  4. हो सकता है एमर्सन बहुत महान हों, पर में उन की धर्म पर राय को एक नासमझी मानता हूँ.

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