Death of a great modern poet 'Ahmad Faraz'
उर्दू शायरी के एक युग का अंत
ज़िन्दगी तेरी अता है तो ये जाने वाला,
तेरी बख़्शीश, तेरी देहलीज़ पे धर जायेगा।
-अहमद फ़राज़
(January 14, 1934 - August 25, 2008)
एक शेर 'फ़राज़' के नाम -
कह रहा है दरिया से समंदर का सुकूत,
जिसका जितना ज़र्फ़ है उतना वो ख़ामोश है।
( सुकूत-ख़ामोशी, ज़र्फ़-सामर्थ्य, दिमाग़, क़ाबिलियत )
- इक़बाल
No comments:
Post a Comment